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January 5, 2023

Surrogacy Meaning in Hindi – सरोगेसी का मतलब क्या है हिंदी में ? सरोगेसी में कितना खर्च आता है 2023

सरोगेसी का मतलब क्या है हिंदी में ? (What is Surrogacy Meaning in Hindi?)

इस आलेख में हम आपको सरोगेसी मीनिंग इन हिंदी (Surrogacy Meaning in Hindi) के बारे में बताने जा रहे है. सरोगेसी को हिंदी में सामान्य रूप से किराए की कोख कहा जाता है. यह एक ऐसा एआरटी तकनीके है जिससे निसंतान लोग अपने संतान की प्राप्ति करने में समर्थ होते है. सरोगेसी वह प्रक्रिया है जहां सरोगेट मदर (या गेस्टेशनल सरोगेट) अपने गर्भ में 9 महीने की गर्भवस्था अवधि के लिए अन्य जोड़े का बच्चा रखती है. एआरटी विशेषज्ञ क्लीनिक द्वारा एक सरोगेट मदर को चुनने के लिए कई प्रकार के चरण होते है. आइये सरोगेसी (Surrogacy Meaning in Hindi)  के बारे मे अधिक जानकारी इकट्ठा करे जैसे सरोगेसी क्या है? यह कितने प्रकार की होती है? कौन सी सरोगेसी ज्यादा प्रचलित है? इसका कितना खर्च आता है? आदि.

सरोगेसी क्या है (what is Surrogacy in Hindi)?

सरोगेसी निस्संतान दंपती के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, इस प्रक्रिया के तहत उनको जीवन जीने की नयी दिशा मिल जाती है. यदि हम सरोगेसी के पुरे खर्च को देखे तो इस बात को कहने से कोई दोहराये नहीं है की सरोगेसी का खर्च अन्य निस्संतान उपचार या दवा की तुलना से दोगुना या तिगुना है, लेकिन इसकी किसी अन्य चिकित्सीय दर से नहीं की जा सकती क्युकी सरोगेसी की सफलता दर आसमान छू रही है अब आपको स्पस्ट हो गया होगा की सरोगेसी अन्य महिला और एक दम्पति के बिच में किया गया अनुबंधन है जो खुद का बच्चा चाहते है। यह प्रकिर्या उन माता-पिता के लिए लाभकारी है जो किसी कारणवश खुद का बच्चा पैदा करने में समर्थ नहीं है जो महिला अपने कोख में अन्य दम्पति के बच्चे को ९ महीने के लिए पलटी है, उसको सरोगेट मदर कहते है और जो दम्पति सुररोगस्य प्रकिर्या को चुनते है, वह इन्टेन्डेड कपल या बच्चे के बायोलॉजिकल माता-पिता कहलाते है

सरोगेसी के प्रकार (Surrogacy Types in Hindi)

सरोगेसी दो प्रकार की होती है
  1. ट्रेडिशनल सरोगेसी
  2. गेस्टेशनल सरोगेसी

ट्रेडिशनल सरोगेसी क्या है

ट्रेडिशनल सरोगेसी में सरोगेट मदर कार्यविधि के लिए स्वयं के अंडो का उपयोग करती है, यह सरोगेसी तकनीक आईयूआई के जरिये पूर्ण करा जाता है। ट्रेडिशनल सरोगेसी में एक पुरुष या पिता शिशु का आनुवंशिक या जेनेटिक सम्बन्ध होता है इस सरोगेसी प्रकिर्या में सरोगेट मदर का उस बच्चे के साथ इमोशनल अटैचमेंट हो जाता है और नए जन्मे बच्चे को जोड़े को सौंपते हुए जटिल स्तिथि पैदा कर देता है।

गेस्टेशनल सरोगेसी क्या है

अब अगर हम गेस्टेशनल सरोगेसी की बात करे तो, इस सरोगेसी में माता और पिता दोनों इन बच्चे से जेनेटिक और बायोलॉजिकल रूप से संग्लग्न होते है क्युकी गेस्टेशनल सरोगेसी में माता के अण्डाणुओ (eggs) और पिता के सुक्राणुओ (sperms) को मेल करा कर बृद्ध को सरोगेट माँ के बच्चेदानी में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इस प्रकिर्या से निस्संतान दम्पति खुद के बच्चे को पाने में सक्षम होते है। गेस्टेशनल सरोगेसी को ट्रेडिशनल सरोगेसी से अपेक्षाकृत अधिक पसंद किया गया है और यह तकनीक बाँझपन (infertility) के उपचार के लिए सर्वोत्तम माना गया है। आइये अब जानते है सरोगेसी का खर्च कितना आता है।

सरोगेसी का खर्च कितना आता है इंडिया में (What is the cost of surrogacy in India)

जैसा की ऊपर उल्लेख करा गया है की सरोगेसी का खर्च अन्य ऐआरटी तकनीक से ज्यादा है क्युकी यहाँ सरोगेट मदर बच्चे को कोख में पुरे 9 महीने पोषित करती है और प्रसव के बाद वह बच्चे को उसके माता पिता को सौप देती है। यह एक विलम्बित प्रकिर्या है जिसमे दम्पति को 9 महीने से ज्यादा प्रतीक्षा करना होता है इंडिया में सरोगेसी का खर्च – 10 लाख से 12 लाख तक आता है सेलेक्ट आईवीएफ इंडिया जाने माने प्रमुख ऐआरटी क्लिनिक में से एक है, जिसकी सफलता दर उच्च है। यह क्लिनिक सभी सुभिधाये उपलब्धद करने में सख्सम है, इसके साथ ही, यह क्लिनिक इनफर्टिलिटी समस्याओ को हल करने के लिए अनुभवी फर्टिलिटी डॉक्टर्स और सर्वोतम उपचार प्रदान करता है

अंत में (At the End)

ये सारी जानकारी थी सरोगेसी के बारे में हिंदी में (Surrogacy Meaning in Hindi). सरोगेसी प्रकिर्या सरल और सुचारो रूप से चलने वाला समाधान है। जो महिलाएं स्वयं के बच्चे को प्रसव कराने में असमर्थ है, वह सरोगेसी उपचार को प्राथमिकता देते है। प्रति वर्ष हजारों लोग सरोगेसी प्रकिर्या के जरिये खुद के बच्चे को जन्म देते है। Read Also:
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